देहरादून, उत्तराखंड प्राइम। भाजपा ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में ही महिला नेता सुरक्षित न हों, उन्हें महिला सुरक्षा पर भाषणबाजी का कोई नैतिक आधार नही है। भाजपा महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष आशा नौटियाल ने आईना दिखाते हुए कहा, हमारी सरकार ने मातृ शक्ति के हित मंे शानदार कार्य किए हैं, बेहतर है वे राजस्थान और छत्तीसगढ़ जाकर अपनी सरकारों के खिलाफ आंदोलन करें जहां महिला अपराधों की संख्या उच्चतम स्तर पर है। प्रदेश अध्यक्ष श्रीमती नौटियाल ने सर्वदलीय आंदोलन की आड़ में कांग्रेस द्वारा लगाये आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए पलटवार किया कि जिनकी पार्टी संगठन और सरकारों में महिलाएं सबसे अधिक असुरक्षित हों, उनका इस मुद्दे पर ज्ञान बांटना शोभा नहीं देता है। उन्होंने आरोप लगाया, ये वही पार्टी है जो अपने युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवासन पर अपनी ही असम युवा प्रदेश अध्यक्ष अंगकिता दत्ता द्वारा यौन उत्पीड़न के मुक्कदमे पर मौन है। उनकी पार्टी की पूर्व राष्ट्रीय प्रवक्ता और वर्तमान में राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी को पार्टी नेताओं द्वारा अश्लीलता किये जाने और उसपर कार्यवाही नही करने पर पार्टी छोड़नी पड़ती हो, इससे पूर्व इनकी वरिष्ठ नेत्री नगमा का मामला हो या यूपी महिला प्रदेश अध्यक्ष का और ऐसे अनगिनत प्रकरण हैं जिनमे पार्टी की महिला नेताओं ने पार्टी नेताओं पर ही शोषण के आरोप लगाए।
परन्तु आज तक ऐसा नहीं सुनाई दिया कि कांग्रेस ने अपने किसी भी ऐसे नेता के विरुद्ध कोई कदम उठाया हो, जिसने महिलाओं के साथ अभद्रता की थी या राहुल गांधी समेत इनके शीर्ष नेताओं ने ऐसे किसी अनुशासनात्मक कार्यवाही का उदाहरण किसी भी भाषण में दिया हो । इनकी पार्टी ही नही जहां जहां कांग्रेस की सरकारें हैं वहां, विशेषकर राजस्थान व छत्तीसगढ़ में महिला अपराधों की संख्या सर्वाधिक है और महिला सुरक्षा की स्थिति दयनीय है । लेकिन अफसोस न तो कांग्रेस के आकाओं को धृतराष्ट्र की भांति अपने संगठन और सरकार में महिलाओं पर अन्याय नजर आता है और न ही मीडिया सुर्खियों के सहारे राजनीति चलाने वाले इनके प्रादेशिक नेताओं को।
आशा नौटियाल ने कहा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने महिलाओं के सामाजिक एवं आर्थिक हितों के लिए ऐतिहासिक काम किये हैं। चाहे सरकारी नौकरियों में 30 फीसदी क्षेतिज आरक्षण देने की बात हो, चाहे 1.25 महिलाओं को स्वरोजगार से लखपति बनाने की योजना हो, चाहे उज्ज्वला योजना के बाद वर्ष में तीन सिलेंडर फ्री रिफिल की योजना हो, चाहे महिला स्वयं सहायता समूहों को २७ लाख तक ब्याज मुक्त ऋण योजना हो, चाहे आशा एवं आंगनबाड़ी बहनों के मानदेय में हुई वृद्धि हो, चाहे नंदा गौरा योजना के अंतर्गत 80 हजार लाभार्थी बालिकाओं को ₹323.22 करोड़ की धनराशि हस्तांतरित करने की बात हो या इसी तरह की अनेकों योजनाओं की बात हो।
उन्होंने कहा, अपराधों और विशेषकर महिला अपराधों के संबंध में जितनी त्वरित और कठोरतम कार्यवाही हमारी सरकार कर रही है वो मातृ शक्ति के प्रति पार्टी की कृतज्ञता और प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारी बेटियों के साथ घटित जिन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं की बात विपक्ष अक्सर करता है उनमें अंकिता प्रकरण में गैंगस्टर ऐक्ट के तहत निष्पक्ष और कठोरतम कार्यवाही की गई और मामला अब न्यायालय में है। इसी तरह दिल्ली के छावला प्रकरण में भी धामी सरकार द्वारा सर्वश्रेष्ठ प्रयास किये गए लेकिन घटना के समय तत्कालीन कांग्रेस सरकार की पुलिस द्वारा जांच में की गई गंभीर लापरवाही न्याय दिलाने में सबसे बड़ी बाधा बना है।
प्रदेश अध्यक्ष आशा ने कहा, राज्य की जनता महिला उत्थान और अपराध रोकथाम के विषय पर सरकार की कार्यवाही से पूर्णतया संतृष्ट है और समय समय पर वोट के माध्यम से अपना आशीर्वाद भी दे रही है। उन्होंने विश्वासपूर्वक कहा, कि अपनी पार्टी के बैनर पर बार बार नकारे जाने के बाद सर्वदलीय मंच पर जारी कांग्रेसी नाटक से जनता इस बार भी भ्रमित नही होने वाली है।