Dehradunउत्तराखंड

मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों एवं डीएफओ को ईको टूरिज्म की दिशा में रोजगार के प्रस्ताव तैयार करने के दिए निर्देश

जनपदों में ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने को स्थान चिन्हित करने व डीपीआर तैयार करने के दिए निर्देश

देहरादून। मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में ईको टूरिज्म एवं सरकारी भूमि की डिजिटल सूची तैयार किए जाने के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों एवं डीएफओ को ईको टूरिज्म की दिशा में स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर दिए जाने पर फोकस करते हुए प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने सभी जनपदों में ईको टूरिज्म को बढ़ावा दिए जाने हेतु स्थान चिन्हित किए जाने के साथ ही डीपीआर तैयार किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि प्रस्ताव में डीपीआर के साथ फंडिंग और योजना पूर्ण होने की समय सीमा पहले से ही निर्धारित की जाएं। उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म को सफल बनाए जाने हेतु ईको पार्क से प्राप्त राजस्व का 80 से 90 प्रतिशत हिस्सा इसकी मरम्मत आदि के लिए प्रयोग किया जा सकेगा, इसका शासनादेश जारी किया जा चुका है।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश भर में एस्ट्रो विलेज, कैंपिंग आदि की अत्यधिक संभावनाएं हैं। इस दिशा में भी बहुत कुछ किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कि चारधाम यात्रा मार्ग एवं गैर चारधाम यात्रा मार्ग दोनों में ही ईको टूरिज्म में रोजगार सृजन की अपार संभावनाएं हैं। इससे स्थानीय स्तर पर लोगों को शामिल करना आवश्यक है। इसके लिए स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण की आवश्यकता है तो प्रशिक्षण करवाइए। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में ऐसे विभिन्न स्थान हैं जहां कैंपिंग साइट्स विकसित की जा सकती हैं। पर्यटन विभाग द्वारा गाईड का प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जा रहा है। मुख्य सचिव ने ऐसे स्थलों में जहां अभी फुटफॉल कम है, गाईड को कंडीशनल टर्म पर मानदेय भी दिया जा सकता है, ताकि गाईड काम करने को प्रोत्साहित हो सके। फुटफॉल बढ़ने के बाद गाईड अच्छा कमा लेंगे।

मुख्य सचिव ने कहा कि जिलाधिकारियों एवं अन्य सीनियर अधिकारियों द्वारा क्षेत्रों में दौरा करते समय स्थानीय लोग अक्सर अपनी बहुत छोटी छोटी मांगें और समस्याएं अधिकारियों के सम्मुख रखते हैं। उन्होंने कहा कि बहुत सी समस्याएं या मांगें इतनी छोटी होती हैं कि आसानी से पूर्ण की जा सकती हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इन छोटी छोटी मांगों को गंभीरता से लेते हुए मांगों को पूरा करने पर ध्यान देने की आवश्यकता है, ताकि आमजन का सिस्टम पर विश्वास बना रहे। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश में स्प्रिंग एंड रिवर रिजूविनेशन बोर्ड अस्तित्व में आने वाला है। इससे जल संरक्षण की दिशा में भी काफी कार्य होगा। इसमें जल संरक्षण के लिए चेक डैम और छोटे ताल और झीलें भी निर्मित होंगी। जो आगे ईको टूरिज्म की दिशा में काफी कारगर साबित होंगी। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से इसको भी ध्यान में रखते हुए प्रस्ताव तैयार किए जाने के निर्देश दिए।

इसके साथ ही मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाने हेतु डिजिटल डाटा शीघ्र तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही इसके लिए पोर्टल तैयार हो जाएगा जिसमें डिजिटल डाटा अपलोड किया जाएगा, जिसकी लगातार मॉनिटरिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस सूची को तैयार किए जाने का उद्देश्य हर प्रकार की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से बचाना है। इसके लिए विभागों द्वारा जिला स्तरीय अधिकारियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। अतिक्रमण होने पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई भी की जाएगी।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक अनूप मलिक, सचिव अरविंद सिंह ह्यांकि, मुख्य वन संरक्षक वन पंचायत डॉ. पराग मधुकर धकाते एवं सचिव चंद्रेश कुमार सहित जनपदों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समस्त जिलाधिकारी उपस्थित थे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button